राजस्थान सरकार के कर्मचारियों के लिए अवकाश नियम

  • आकस्मिक अवकाश (Casual Leave)
  • विशिष्ट आकस्मिक अवकाश 
  • क्षतिपूर्ति अवकाश
  • असाधारण अवकाश (Extraordinary Leave) 
  • प्रसूति अवकाश (Maternity Leave)
  • पितृत्व अवकाश (Paternity Leave)
  • उपार्जित अवकाश (Privilege Leave)
  • अदेय अवकाश (Leave not due)
  • अर्ध वेतन अवकाश (Half pay leave) (HPL)
  • बाल देखभाल अवकाश नियम (Child Care Leave)
  • निरोधावकाश (Quarantine Leave)
  • अध्ययन अवकाश (Study Leave)
  • चिकित्सा अवकाश (Medical Leave)

  • आकस्मिक अवकाश (Casual Leave) नियम (राजस्थान सरकार कर्मचारियों के लिए)

    अधिकतम अवकाश:

    • स्थायी कर्मचारियों को एक वर्ष में 15 आकस्मिक अवकाश (सीएल) दिए जाते हैं।
    • शिक्षकों के लिए सीएल की गणना 1 जुलाई से 30 जून तक की जाती है, जबकि मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक की जाती है।
    • नव नियुक्त कर्मचारियों को कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से पूरे कैलेंडर वर्ष के लिए 15 सीएल मिलेंगे।
    • अधूरे कैलेंडर वर्ष के मामले में, उन्हें प्रत्येक पूर्ण माह की सेवा के लिए आनुपातिक आधार पर 1.25 सीएल का लाभ मिलेगा।
    • प्रोबेशन में शिक्षकों के लिए सीएल की गणना 1 जुलाई से 30 जून तक होगी।

    अन्य नियम:

    • कर्मचारी एक बार में 10 दिन तक सीएल ले सकता है।
    • 10 दिन से अधिक सीएल एक बार में स्वीकृत नहीं किया जाता है।
    • यदि अवकाश अवधि में रविवार, राजकीय अवकाश या साप्ताहिक अवकाश आता है तो उसे सीएल का हिस्सा नहीं माना जाएगा।
    • राज्य कर्मचारियों को बिना पूर्व अनुमति के अपना मुख्यालय या जिला नहीं छोड़ना चाहिए।
    • राज्य कर्मचारी को आधे दिन का भी सीएल दिया जा सकता है।
    • तीन दिन तक लगातार 10 मिनट देर से आने वाले कर्मचारी का 1 सीएल काटा जाएगा।
    • किसी भी राज्य कर्मचारी को सीएल का उपभोग करने से पहले अपवादस्वरूप परिस्थितियों के अलावा ऐसे अवकाश की पूर्व स्वीकृति प्राप्त करना आवश्यक है।
    • यदि राज्य कर्मचारी सीएल लेकर निजी विदेश यात्रा करना चाहता है तो उसे सीएल का आवेदन पत्र कम से कम 3 सप्ताह पहले सक्षम अधिकारी को देना होगा।
    • सेवा निवृत्त होने वाले कर्मचारियों को वर्ष में 5 से 15 दिनों तक सीएल दिया जाता है, उनकी सेवा अवधि के आधार पर।
    • सीएल के साथ अन्य प्रकार के अवकाश जैसे पीएल, रूपांतरित अवकाश आदि नहीं लिया जा सकता है।
    • प्रत्येक शिक्षक का सीएल पोस्टिंग रजिस्टर प्रतिवर्ष संधारित किया जाएगा।

    प्रोबेशन अवधि में सीएल:

    • प्रोबेशनर प्रशिक्षु को कैलेंडर वर्ष में 15 दिन का सीएल और अधूरे कैलेंडर वर्ष के लिए अनुपातिक आधार पर सीएल मिलता है।
    • कैलेंडर वर्ष जनवरी से दिसंबर तक होता है।
    • चालू कैलेंडर वर्ष में ही सीएल स्वीकृत किया जा सकता है।
    • पिछले वर्ष के बकाया सीएल लैप्स हो जाते हैं और उन्हें पूर्व प्रभाव से स्वीकृत नहीं किया जा सकता है।



    विशिष्ट आकस्मिक अवकाश : विस्तृत जानकारी

    विशिष्ट आकस्मिक अवकाश राजस्थान सरकार के कर्मचारियों को उनके व्यक्तिगत जीवन में होने वाली कुछ विशेष घटनाओं के लिए प्रदान किया जाता है।

    प्रकार:

    • बंध्याकरण अवकाश:
      • पुरुष कर्मचारी को बंध्याकरण कराने के लिए 6 दिन का अवकाश।
      • पत्नी द्वारा बंध्याकरण कराने पर पुरुष कर्मचारी को 7 दिन का अवकाश।
    • निरोधावकाश:
      • छूत की बीमारी होने पर 21 दिन का अवकाश।
    • शैक्षिक अवकाश:
      • माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की बैठक या परीक्षा कार्य, राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत सेमिनार, कार्यगोष्ठी में भाग लेने पर मान्यता प्राप्त शिक्षक संघों के पदाधिकारियों को बैठकों में भाग लेने हेतु एक कलेंडर वर्ष में 10 दिन का अवकाश।
    • खेल अवकाश:
      • कर्मचारी खिलाड़ियों को स्थानीय-राज्य स्तर के टूर्नामेंट में भाग लेने पर 10 दिन और राष्ट्रीय स्तर पर खेल में भाग लेने पर एक कलेंडर वर्ष में 30 दिन का अवकाश।

    अन्य जानकारी:

    • विशिष्ट आकस्मिक अवकाश के लिए आवेदन संबंधित विभाग के प्रधान को किया जाता है।
    • आवेदन पत्र के साथ, कर्मचारी को विशिष्ट अवकाश का कारण बताने वाले प्रमाण देना होगा।
    • विशिष्ट आकस्मिक अवकाश स्वीकृत होने पर, कर्मचारी को अवकाश स्वीकृति पत्र दिया जाएगा।
    • विशिष्ट आकस्मिक अवकाश का वेतन के साथ भुगतान किया जाता है।

    क्षतिपूर्ति अवकाश : विस्तृत जानकारी

    परिभाषा:

    क्षतिपूर्ति अवकाश एक प्रकार का अवकाश है जो सरकारी कर्मचारियों को राजपत्रित अवकाश दिवस में किए गए कार्य के बदले में दिया जाता है।

    पात्रता:

    यह अवकाश केवल मंत्रालयिक कर्मचारियों (सहायक कर्मचारी / लिपिक ग्रेड-प्रथम / द्वितीय/सहायक कार्यालय अधीक्षक आदि पदों) को देय होता है। अध्यापक या अन्य पद पर कार्यरत किसी भी कर्मचारी / अधिकारी को क्षतिपूर्ति अवकाश देय नहीं होगा।

    नियम:

    1. क्षतिपूर्ति अवकाश किसी भी राजपत्रित अवकाश दिवस में किए गए कार्य के बदले में देय होगा।
    2. फिक्स वेतन पर कार्य करने वाले कार्मिक को उसके आकस्मिक अवकाश के बराबर क्षतिपूर्ति अवकाश देय होगा (एक वर्ष में 12 दिन से अधिक देय नहीं)।
    3. क्षतिपूर्ति अवकाश का एक साथ उपभोग निरंतर 10 दिन तक किया जा सकता है।
    4. क्षतिपूर्ति अवकाश को आकस्मिक अवकाश की श्रेणी में रखा गया है।
    5. क्षतिपूर्ति अवकाश का हिसाब 01 जनवरी से 31 दिसंबर तक रहेगा।
    6. क्षतिपूर्ति अवकाश सेवा पुस्तिका में आने वाले किसी अवकाश के साथ नहीं लिया जा सकता है। यह केवल आकस्मिक अवकाश के साथ ही लिया जा सकता है।
    7. क्षतिपूर्ति अवकाश का उपभोग उसी वर्ष के भीतर करना अनिवार्य है। अन्यथा यह अवकाश आकस्मिक अवकाश की भांति लेप्स माना जाएगा।
    8. क्षतिपूर्ति अवकाश की कोई लिमिट नहीं है। जितने राजपत्रित अवकाश के दिन मंत्रालयिक कार्मिक कार्य करेगा, उतने दिनों का ही उसे क्षतिपूर्ति अवकाश मिलेगा।
    9. यह अवकाश आधे दिन के लिए उपयोग में नहीं लिया जा सकता है।
    10. आकस्मिक अवकाश की भांति इसका भी उपस्थिति पंजिका पृथक से इंद्राज किया जाएगा।

    अतिरिक्त जानकारी:

    • क्षतिपूर्ति अवकाश के लिए आवेदन संबंधित विभाग के प्रधान को किया जाता है।
    • आवेदन पत्र के साथ, कर्मचारी को राजपत्रित अवकाश दिवस में किए गए कार्य का प्रमाण देना होगा।
    • क्षतिपूर्ति अवकाश स्वीकृत होने पर, कर्मचारी को अवकाश स्वीकृति पत्र दिया जाएगा।



    असाधारण अवकाश (राजस्थान सरकार कर्मचारियों के लिए) (आरएसआर 96 के तहत)

    असाधारण अवकाश राजस्थान सरकार के कर्मचारियों को विशेष परिस्थितियों में प्रदान किया जाता है जब वे अन्य प्रकार के अवकाश का लाभ नहीं उठा सकते हैं।

    नियम:

    1. परीक्षण अवधि:
      • परीक्षण अवधि के दौरान किसी भी कर्मचारी को 30 दिनों से अधिक अवधि का असाधारण अवकाश नहीं दिया जाएगा।
      • यदि कोई कर्मचारी 30 दिनों से अधिक अवधि का असाधारण अवकाश लेता है, तो उसका मामला आरएसआर 96 (बी) में छूट के लिए राज्य सरकार को भेजा जाएगा।
    2. अन्य अवकाशों की अनुपस्थिति:
      • असाधारण अवकाश केवल तभी स्वीकृत किया जाता है जब कर्मचारी के पास सेवा पुस्तिका में कोई अन्य अवकाश शेष न हो।
    3. अनुमोदित कारण:
      • असाधारण अवकाश निम्नलिखित कारणों से स्वीकृत किया जा सकता है:
        • निजी कारण
        • चिकित्सा प्रमाण पत्र
        • प्रशिक्षण / उच्च अध्ययन जहाँ अध्ययन अवकाश देय नहीं है
    4. चिकित्सा आधारित अवकाश:
      • सक्षम चिकित्सा अधिकारी के चिकित्सा प्रमाण पत्र या मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर भी असाधारण अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है।
        • इस अवधि का वार्षिक वेतन वृद्धि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और यह अवधि पेंशन गणना के लिए भी मान्य होगी।
    5. चिकित्सा प्रमाण पत्र का प्रभाव:
      • यदि असाधारण अवकाश सक्षम चिकित्सक के रोग/स्वास्थ्य संबंधी चिकित्सा प्रमाण पत्रों के आधार पर स्वीकृत किया जाता है तो कर्मचारी की वार्षिक वेतन वृद्धि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
    6. अन्य कारणों से अवकाश:
      • यदि सक्षम चिकित्सक के प्रमाण पत्र के बिना या किसी अन्य कारण से असाधारण अवकाश का लाभ उठाया जाता है, तो असाधारण अवकाश की अवधि का वार्षिक वेतन वृद्धि पर प्रभाव पड़ेगा।



    प्रसूति अवकाश (राजस्थान सरकार कर्मचारियों के लिए) (आरएसआर 103 के तहत)

    पात्रता:

    • महिला कर्मचारी को सेवा अवधि में दो बार 180 दिनों का प्रसूति अवकाश देय होगा।
    • यदि कोई संतान जीवित नहीं होने पर तीसरी बार भी अवकाश देय होगा।
    • गर्भपात होने पर महिला कर्मचारी को छह सप्ताह (42 दिन) का प्रसूति अवकाश देय होगा। यह अवकाश उनके प्रसूति अवकाश में शामिल नहीं होगा।

    वेतन:

    • प्रसूति अवकाश अवधि का पूर्ण वेतन देय होगा।
    • पितृत्व अवकाश अवधि का भी पूर्ण वेतन देय होगा।

    अन्य नियम:

    • प्रसूति अवकाश और गर्भपात (एबोरसन) अवकाश केवल सक्षम चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण पत्रों के आधार पर ही देय होगा।
    • महिला शिक्षक प्रसव काल में किसी भी समय प्रसूति अवकाश प्रारंभ कर सकती है।
    • प्रसूति अवकाश स्वीकृत करवाते समय, कर्मचारी को निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होंगे:
      • जी.ए. 45 फॉर्म
      • डॉक्टर का प्रमाण पत्र
      • रु. 10/- का शपथ पत्र जिसमें दो से अधिक संतान नहीं होने का उल्लेख हो
      • एक साधारण प्रार्थना पत्र
    • पुरुष कर्मचारियों को उनकी पत्नी के प्रसव के दौरान अधिकतम 15 दिन का पितृत्व अवकाश देय होगा (बच्चा तीन माह का होने तक)।
    • प्रसूति अवकाश के साथ अन्य प्रकार का अवकाश भी स्वीकृत किया जा सकता है।

    राजस्थान सरकार कर्मचारियों के लिए पितृत्व अवकाश (आरएसआर 103ए के तहत)

    पात्रता:

    • यह अवकाश केवल उन पुरुष कर्मचारियों को मिलता है जिनकी दो से कम संतान हैं।
    • यह अवकाश सम्पूर्ण सेवाकाल में दो बार मिलता है।
    • प्रोबेशनर कर्मचारी भी इस अवकाश के पात्र हैं।

    अवकाश की अवधि:

    • 15 दिन का पितृत्व अवकाश दिया जाता है।

    अवकाश का समय:

    • यह अवकाश बच्चे के जन्म (प्रसव) से 15 दिन पहले और जन्म की तिथि से 3 माह की अवधि में लिया जा सकता है।
    • यदि निर्धारित तिथि में इसका उपयोग नहीं किया जाता है तो यह अवकाश समाप्त हो जाता है।

    गर्भपात/गर्भस्राव की स्थिति में:

    • गर्भपात/गर्भस्राव होने पर पितृत्व अवकाश नहीं दिया जाता है।

    अन्य अवकाश के साथ:

    • इस अवकाश के साथ (सीएल को छोड़कर) किसी भी अन्य अवकाश का लाभ लिया जा सकता है।

    आवेदन:

    • कर्मचारी को बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के साथ अवकाश का आवेदन प्रस्तुत करना होगा।

    सेवा पुस्तिका में प्रविष्टि:

    • अवकाश स्वीकृत होने पर इसकी सेवा पुस्तिका में अलग से प्रविष्टि की जाएगी।
    • अवकाश लेखा में इसका इंद्राज नहीं होगा।



    उपार्जित अवकाश (राजस्थान सरकार कर्मचारियों के लिए) (आरएसआर 91-92 के तहत)

    पात्रता:

    • फिक्स वेतन पर कार्यरत कर्मचारियों को उपार्जित अवकाश नहीं दिया जाएगा।
    • उपार्जित अवकाश किसी भी कारण से लिया जा सकता है।

    उपार्जित अवकाश खाता:

    • उपार्जित अवकाश खाता सर्वप्रथम नियुक्ति तिथि से 31 दिसंबर तक का होगा।
    • इसके बाद, 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक का खाता संधारित किया जाएगा।

    आवेदन:

    • कोई भी कर्मचारी जी.ए. 45 फॉर्म भरकर आवेदन करके उपार्जित अवकाश प्राप्त कर सकता है।
    • पिछले वर्ष के बैलेंस के आधार पर ही उपार्जित अवकाश दिया जाएगा।
    • जब तक कोई कर्मचारी पूरे वर्ष कार्य नहीं करता है, तब तक उसे उपार्जित अवकाश लाभ नहीं दिया जाएगा।

    वेतन:

    • उपार्जित अवकाश पूर्ण वेतन के आधार पर देय होता है।

    नकद भुगतान:

    • प्रत्येक ब्लॉक वर्ष में 1 अप्रैल से 31 मार्च के बीच 15 दिन का समर्पित अवकाश नकद भुगतान के रूप में स्वीकृत करवाया जा सकता है।
    • इसका लाल स्याही से सेवा पुस्तिका में अंकन किया जाना आवश्यक है।

    अधिकतम अवकाश:

    • किसी भी कर्मचारी को एक समय में 120 दिन से अधिक अवधि का उपार्जित अवकाश नहीं दिया जाएगा, चाहे उसके खाते में 300 दिन का बैलेंस क्यों न हो।

    उपयोग:

    • उपार्जित अवकाश का उपयोग शोध कार्य (जैसे पीएचडी, एमफिल आदि), निजी कार्य, उच्च अध्ययन, बीमारी आदि के लिए किया जा सकता है।

    स्थानांतरण:

    • प्रशासनिक कारणों से स्थानांतरण पर भी उपार्जित अवकाश देय होता है।
    • 500 किमी तक के स्थानांतरण पर 10 दिन का अवकाश दिया जाएगा।

    महत्वपूर्ण राजकीय कार्य:

    • यदि किसी शिक्षक को ग्रीष्मावकाश या अन्य अवकाशों में महत्वपूर्ण राजकीय कार्य के लिए लगाया जाता है, तो उसे 3 दिन के बदले 1 दिन का उपार्जित अवकाश दिया जाएगा।



    अदेय अवकाश (राजस्थान सरकार कर्मचारियों के लिए) (आरएसआर 93(3) के तहत)

    पात्रता:

    • अदेय अवकाश केवल तभी स्वीकृत किया जाता है जब कर्मचारी की सेवा पुस्तिका में कोई भी अवकाश शेष न हो।

    अवधि:

    • सामान्यतया, एक निरंतर अवधि में 90 दिनों का अदेय अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है।
    • गंभीर बीमारी के मामले में, 180 दिनों तक का निरंतर अदेय अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है।

    स्वीकृति:

    • अदेय अवकाश केवल तभी स्वीकृत किया जाएगा जब स्वीकृत कर्ता अधिकारी संतुष्ट हो कि कर्मचारी अनुपस्थित रहने का कोई इतिहास नहीं रखता है।
    • सम्पूर्ण सेवा अवधि में 360 दिनों से अधिक का अदेय अवकाश देय नहीं होगा।

    एचपीएल के साथ समायोजन:

    • यदि किसी कर्मचारी की सेवा निवृत्ति निकट है और वह अदेय अवकाश का समायोजन एचपीएल से करने की स्थिति में नहीं है, तो उसे अदेय अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा।

    वेतन:

    • अदेय अवकाश अवधि के दौरान, कर्मचारी को अर्द्ध वेतन के बराबर वेतन दिया जाएगा।

    अन्य अवकाशों के साथ:

    • अदेय अवकाश को अन्य अवकाशों की निरंतरता में स्वीकृत किया जा सकता है।



    अर्ध वेतन अवकाश (राजस्थान सरकार कर्मचारियों के लिए) (एचपीएल) (आरएसआर 93(1) के तहत)

    पात्रता:

    • फिक्स वेतन पर कार्यरत कर्मचारियों को परिवीक्षाकाल में एचपीएल (HPL) लाभ नहीं दिया जाएगा। वे केवल परिवीक्षाकाल पूरा करने के बाद ही इसका लाभ उठा सकते हैं।
    • प्रत्येक वर्ष 20 दिनों का एचपीएल देय होगा।

    कारण:

    • एचपीएल निजी कार्य या बीमारी के कारणों से भी लिया जा सकता है।
    • इन मामलों में रोग/स्वास्थ्य प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है।
    • यदि कोई कर्मचारी उच्च अध्ययन या पीएचडी (शोध कार्य) करना चाहता है, तो वह भी एचपीएल का लाभ उठा सकता है।

    वेतन:

    • एचपीएल का अर्थ है अर्ध वेतन अवकाश। जितने दिनों का एचपीएल लिया जाएगा, उतने दिनों का आधा वेतन ही देय होगा।

    अग्रिम स्वीकृति:

    • एचपीएल अवकाश को अग्रिम रूप से स्वीकृत करवाया जा सकता है।

    रूपांतरण अवकाश:

    • सक्षम चिकित्सक द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण पत्रों के आधार पर एचपीएल अवकाश को रूपांतरण अवकाश के रूप में स्वीकृत किया जा सकता है।
    • उदाहरण के लिए, यदि 1 से 5 तक 5 दिनों का अवकाश स्वीकृत करना है, तो 10 दिनों का एचपीएल काटा जाएगा।

    अन्य अवकाशों के साथ:

    • एचपीएल अवकाश को उपार्जित अवकाश, परिवर्तित अवकाश, अदेय अवकाश, असाधारण अवकाश यानि सीएल को छोड़कर किसी भी प्रकार के अवकाश की निरंतरता में स्वीकृत किया जा सकता है।

    खाता:

    • एचपीएल अवकाश का खाता सेवा पुस्तिका में पहली नियुक्ति तिथि से संधारित किया जाएगा।

    लंबी अवधि के अवकाश के दौरान:

    • यदि कोई कर्मचारी लंबी अवधि के अवकाश पर रहता है और उसके बीच में नियुक्ति की तारीख आती है, तो उसे उस वर्ष का एचपीएल भी मिलेगा।

    अधिकतम अवधि:

    • अर्ध वेतन अवकाश एक मुश्त 360 दिनों तक का देय होता है।



    राजस्थान सरकार बाल देखभाल अवकाश (CCL) नियम (आर.सी.एस.आर. 103 सी) - सारांश

    पात्रता:

    • महिला और अविवाहित पुरुष सरकारी कर्मचारी बाल देखभाल अवकाश के लिए पात्र हैं।
    • पूरे सेवाकाल में अधिकतम अवकाश 730 दिन (2 वर्ष) है।
    • बच्चे की आयु 18 वर्ष से कम होनी चाहिए, या यदि उसे न्यूनतम 40% विकलांगता है तो 22 वर्ष तक।

    अवकाश वेतन:

    • पहले 365 दिनों के अवकाश के लिए, कर्मचारी को वेतन का 100% मिलेगा।
    • शेष 365 दिनों के अवकाश के लिए, कर्मचारी को वेतन का 80% मिलेगा।

    अन्य शर्तें:

    • बाल देखभाल अवकाश को अन्य प्रकार के अवकाशों के साथ जोड़ा जा सकता है।
    • बाल देखभाल अवकाश के लिए आवेदन निर्धारित प्रारूप में सक्षम प्राधिकारी को पर्याप्त समय पूर्व जमा करना होगा।
    • बाल देखभाल अवकाश कोई अधिकार नहीं है और बिना पूर्व स्वीकृति के नहीं लिया जा सकता।
    • अनधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने पर बाल देखभाल अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा।
    • बाल देखभाल अवकाश को किसी अन्य प्रकार के अवकाश में नहीं बदला जा सकता।
    • बाल देखभाल अवकाश का एक अलग अवकाश खाता बनाया जाएगा और सेवा पुस्तिका में दर्ज किया जाएगा।
    • एक कैलेंडर वर्ष में अधिकतम तीन बार बाल देखभाल अवकाश दिया जा सकता है।
    • सामान्यतः, परिवीक्षा अवधि के दौरान बाल देखभाल अवकाश स्वीकार्य नहीं है। हालांकि, विशेष परिस्थितियों में, परिवीक्षा अवधि को बाल देखभाल अवकाश की अवधि के बराबर बढ़ाया जा सकता है।
    • बाल देखभाल अवकाश का उपभोग अर्जित अवकाश की तरह ही किया जाएगा।
    • बाल देखभाल अवकाश के दौरान रविवार और अन्य अवकाशों को भी अवकाश में ही गिना जाएगा।
    • विकलांग बच्चे के मामले में, अवकाश स्वीकृत करने से पहले सक्षम प्राधिकारी/चिकित्सा बोर्ड द्वारा जारी विकलांगता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
    • विदेश में रहने वाले बच्चे की बीमारी या परीक्षा के मामले में, अधिकृत डॉक्टर/शिक्षण संस्थान से प्राप्त प्रमाण पत्र के आधार पर अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है। विदेश में रहने वाले नाबालिग बच्चे के संबंध में अवकाश लेने पर विदेश यात्रा संबंधी नियमों/निर्देशों का पालन करना होगा और 80 प्रतिशत अवकाश अवधि उसी देश में बितानी होगी जहां बच्चा रह रहा है।
    • देश या विदेश में किसी छात्रावास में रहने वाले बच्चे की परीक्षा के दौरान अवकाश लेने पर महिला कर्मचारी को यह स्पष्ट करना होगा कि वह बच्चे की देखभाल कैसे करेगी।
    • एक बार में 5 दिन से कम का बाल देखभाल अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा।

    मुख्य बिंदु:

    • बाल देखभाल अवकाश अब महिला और अविवाहित पुरुष दोनों कर्मचारियों को उपलब्ध है।
    • पूरे सेवाकाल में अधिकतम अवकाश 730 दिन (2 वर्ष) है।
    • पहले 365 दिनों के अवकाश के लिए, कर्मचारी को वेतन का 100% मिलेगा।
    • शेष 365 दिनों के अवकाश के लिए, कर्मचारी को वेतन का 80% मिलेगा।
    • एक बार में कम से कम 5 दिन का बाल देखभाल अवकाश लिया जाना चाहिए।

    कृपया ध्यान दें:

    • यह राजस्थान सरकार के कर्मचारियों के लिए बाल देखभाल अवकाश नियमों का सारांश है।
    • पूर्ण नियम राजस्थान सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियम-2018, अधिसूचना क्रमांक एफ.1(6)/वित्त/नियम/2011 जयपुर, दिनांक: 22 मई 2018 में पाए जा सकते हैं।
    • यदि आपके पास बाल देखभाल अवकाश के बारे में कोई विशिष्ट प्रश्न हैं, तो आपको संबंधित प्राधिकारी से संपर्क करना चाहिए।


    निरोधावकाश (Quarantine Leave) - राजस्थान सरकार के नियम

    निरोधावकाश क्या है?

    निरोधावकाश राजस्थान सरकार के कर्मचारियों को दिया जाने वाला एक विशेष प्रकार का अवकाश है। यह अवकाश तब स्वीकृत किया जाता है, जब कर्मचारी के परिवार या घर में कोई सदस्य संक्रामक बीमारी से ग्रसित होता है और कर्मचारी को कार्यालय आने से मना कर दिया जाता है।

    अवकाश अवधि:

    • सामान्य परिस्थितियों में निरोधावकाश अधिकतम 21 दिनों के लिए स्वीकृत किया जाता है।
    • असाधारण परिस्थितियों में, यह अवकाश 30 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है।

    वेतन:

    निरोधावकाश को कर्तव्य से अनुपस्थिति नहीं माना जाता है। अतः, निरोधावकाश पर रहते हुए भी कर्मचारी को पूरा वेतन प्राप्त होता है।

    कब स्वीकृत किया जाता है?

    निरोधावकाश मुख्य रूप से निम्नलिखित परिस्थितियों में स्वीकृत किया जाता है:

    • हैजा, चेचक, प्लेग, डिप्थीरिया, टाइफाइड बुखार, सेरेब्रोस्पाइनल मेनिन्जाइटिस आदि संक्रामक रोग।
    • स्वाइन फ्लू (विभागीय आदेश दिनांक 15.10.2012 के अनुसार, अधिकतम 7 दिन)
    • कोविड-19

    अन्य महत्वपूर्ण बातें:

    • निरोधावकाश के लिए आवेदन चिकित्सा या जनस्वास्थ्य अधिकारी के प्रमाण पत्र के साथ कार्यालय प्रमुख को देना होता है।
    • निरोधावकाश को अन्य प्रकार के अवकाशों के साथ जोड़ा जा सकता है।
    • कुछ अपवादों को छोड़कर, निरोधावकाश पर रहने वाले कर्मचारी के स्थान पर कोई स्थानापन्न नियुक्त नहीं किया जाता है।
    • निरोधावकाश स्वीकृत करने का अधिकार सक्षम प्राधिकारी को होता है।

    ध्यान दें:

    • उपरोक्त नियमों में कोविड-19 को भी एक संक्रामक रोग के रूप में शामिल किया गया है, जिसके लिए निरोधावकाश स्वीकृत किया जा सकता है।
    • कर्मचारी स्वयं संक्रमित होने पर निरोधावकाश के लिए पात्र नहीं होता है। ऐसे में उसे नियमित अवकाश नियमों के अनुसार अवकाश दिया जाएगा।



    अध्ययन अवकाश (Study Leave) 

    राजस्थान सरकार के कर्मचारियों को उनकी सेवा अवधि के दौरान अधिकतम 2 वर्ष का अध्ययन अवकाश (Study Leave) स्वीकृत किया जा सकता है। यह अवकाश किसी भी प्रकार की परीक्षा या प्रतियोगिता की तैयारी के लिए लिया जा सकता है।

    अध्ययन अवकाश की पात्रता:

    • सभी स्थायी कर्मचारी
    • वे अस्थायी कर्मचारी जो 3 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके हैं और जिनकी नियुक्ति RPSC की सिफारिश पर हुई है।

    अध्ययन अवकाश की अवधि:

    • अधिकतम 2 वर्ष की सेवा अवधि के दौरान।
    • एक बार में अधिकतम 12 महीने का अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है।

    अध्ययन अवकाश के दौरान वेतन:

    • अध्ययन अवकाश के दौरान कर्मचारी को अर्ध वेतन मिलता है।

    अध्ययन अवकाश का आवेदन:

    • अध्ययन अवकाश का आवेदन विभागाध्यक्ष को प्रस्तुत किया जाता है।
    • आवेदन में कर्मचारी द्वारा की जा रही परीक्षा या प्रतियोगिता का विवरण, उसकी तैयारी के लिए आवश्यक अवधि, और अन्य प्रासंगिक जानकारी शामिल होनी चाहिए।

    अध्ययन भत्ता:

    • यदि कर्मचारी द्वारा की जा रही परीक्षा या प्रतियोगिता सरकारी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, तो सरकार कर्मचारी को अध्ययन अवधि के दौरान अध्ययन भत्ता भी स्वीकृत कर सकती है।

    विश्राम काल:

    • अध्ययन अवकाश के दौरान कर्मचारी को सरकार द्वारा 14 दिन का विश्राम काल भी देय होता है।

    अध्ययन शुल्क:

    • अध्ययन का शुल्क या किस्त कर्मचारी द्वारा स्वयं देय होता है।
    • यदि विभागाध्यक्ष अध्ययन की प्रवृत्ति को विभाग के लिए लाभदायक मानते हैं, तो वे वित्त विभाग की मंजूरी लेकर कर्मचारी को अध्ययन पाठ्यक्रम की किस्त या शुल्क का भुगतान कर सकते हैं।

    अध्ययन अवकाश की गणना:

    • अध्ययन अवकाश की गणना पदोन्नति और पेंशन योग्य सेवा में की जाती है।

    अध्ययन अवकाश के बदले सेवा का पत्र:

    • अध्ययन अवकाश के बदले कर्मचारी को सेवा का पत्र भरवाना होता है।
    • यदि कर्मचारी सेवा शर्तें पूरी नहीं करता है, तो उसे दुगुनी राशि ब्याज सहित संबंधित विभाग को जमा करनी होगी।

    पाठ्यक्रम पूरा होने का प्रमाण पत्र:

    • पाठ्यक्रम पूरा होने पर, कर्मचारी को पाठ्यक्रम पूरा होने का प्रमाण पत्र विभाग को जमा करवाना होगा।



    चिकित्सा अवकाश (Medical Leave) : विस्तृत जानकारी

    परिभाषा:

    चिकित्सा अवकाश एक प्रकार का अवकाश है जो कर्मचारियों को बीमारी या चोट के कारण काम से अनुपस्थित रहने के लिए दिया जाता है।

    पात्रता:

    राजस्थान में, राज्य कर्मचारियों को चिकित्सा अवकाश के लिए पात्र होने के लिए कुछ शर्तों को पूरा करना होता है। इन शर्तों में शामिल हैं:

    • उन्हें एक डॉक्टर द्वारा प्रमाणित बीमारी या चोट से पीड़ित होना चाहिए।
    • उन्हें डॉक्टर से चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।
    • उन्हें राज्य सरकार द्वारा निर्धारित चिकित्सा अवकाश नीति का पालन करना होगा।

    नियम:

    राजस्थान राज्य कर्मचारियों के लिए चिकित्सा अवकाश के नियम निम्नलिखित हैं:

    • चिकित्सा अवकाश की अवधि:
      • बहिरंग रोगी (आउटडोर पेशेंट): अधिकतम 15 दिन
      • 30 दिन तक: वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी/कनिष्ठ विशेषज्ञ/सहायक आचार्य या इसके ऊपर के अधिकारी
      • 45 दिन तक: वरिष्ठ विशेषज्ञ पीएमओ/एसोसिएट प्रोफेसर/प्रोफेसर और क्रम संख्या 2 में वर्णित अधिकारी यदि प्रमाण पत्र सम्बन्धित मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी प्रमुख चिकित्सा अधिकारी एवं अधीक्षक द्वारा प्रमाणित किया हुआ हो।
      • 45 दिन से अधिक: केवल मेडिकल बोर्ड
    • वेतन:
      • 15 दिन तक का चिकित्सा अवकाश: वेतन सहित
      • 16 से 30 दिन का चिकित्सा अवकाश: आधा वेतन
      • 31 दिन से अधिक का चिकित्सा अवकाश: बिना वेतन
    • चिकित्सा प्रमाण पत्र:
      • चिकित्सा प्रमाण पत्र सक्षम अधिकारी द्वारा निर्धारित प्रपत्र में होना चाहिए।
      • प्रमाण पत्र में बीमारी या चोट का स्पष्ट कारण और अवधि होनी चाहिए।
    • अनुपस्थिति:
      • कर्मचारी को चिकित्सा अवकाश पर रहते हुए अपने काम से अनुपस्थित रहना होगा।
      • यदि वे काम पर लौटते हैं तो उन्हें आरोग्य प्रमाण पत्र (स्वास्थ्य प्रमाण पत्र) जमा करना होगा।

    अनुमोदित चिकित्सक:

    राजस्थान सरकार ने विभिन्न अवधि के लिए चिकित्सा अवकाश हेतु चिकित्सा अधिकारियों को अधिकृत किया है। अधिक जानकारी के लिए, आप उपरोक्त दिए गए नियमों का उल्लेख कर सकते हैं।

    अतिरिक्त जानकारी:

    • चिकित्सा अवकाश के लिए आवेदन करने के लिए, कर्मचारियों को आमतौर पर अपने प्रबंधक या मानव संसाधन विभाग को सूचित करना होता है और आवश्यक दस्तावेज जमा करना होता है।
    • चिकित्सा अवकाश का दुरुपयोग करने वाले कर्मचारियों को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।




    यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है। कृपया किसी भी कानूनी सलाह के लिए संबंधित अधिकारी से संपर्क करें।

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